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Rahul Dravid ने क्यों छोड़ा Rajasthan Royals का साथ? Sanju Samson और कप्तानी विवाद ने मचाया बवाल!

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आईपीएल 2026 से पहले राजस्थान रॉयल्स (RR) में हलचल मची हुई है। पहले कप्तान संजू सैमसन के टीम छोड़ने की खबरें थीं और अब हेड कोच राहुल द्रविड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शनिवार को राजस्थान रॉयल्स ने बताया कि द्रविड़ ने फ्रेंचाइजी की तरफ से दी गई एक नई और बड़ी भूमिका को ठुकरा दिया। 2024 में भारतीय टीम को टी20 वर्ल्ड कप जिताने वाले द्रविड़ का ये अचानक इस्तीफा कई सवाल खड़े कर रहा है। क्रिकबज की एक रिपोर्ट ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है जिसमें कप्तानी को लेकर फ्रेंचाइजी में गुटबाजी की बात सामने आई है।

अचानक नहीं था द्रविड़ का इस्तीफा
रिपोर्ट के मुताबिक द्रविड़ का इस्तीफा अचानक नहीं हुआ। आईपीएल 2025 के बाद वो फ्रेंचाइजी मालिक मनोज बदाले से मिलने लंदन गए थे। वहां हुई मीटिंग में द्रविड़ को एक नई भूमिका का ऑफर मिला लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। दरअसल द्रविड़ और टीम मैनेजमेंट के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। खास तौर पर कप्तानी को लेकर फ्रेंचाइजी में तीन गुट बन गए थे। एक गुट रियान पराग को कप्तान बनाने के पक्ष में था, जिन्होंने पिछले सीजन में संजू की गैरमौजूदगी में कुछ मैचों में कप्तानी की। दूसरा गुट यशस्वी जायसवाल को भविष्य का लीडर मानता था जबकि तीसरा गुट संजू सैमसन को ही कप्तान बनाए रखना चाहता था।

गुटबाजी थी द्रविड़ की परेशानी !
ये गुटबाजी द्रविड़ के लिए परेशानी का सबब बनी। कहा जा रहा है कि द्रविड़ रियान को कप्तान बनाने के फैसले से खुश नहीं थे क्योंकि वो मेरिट के आधार पर यशस्वी या ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ियों को ज्यादा तवज्जो देते थे। संजू सैमसन के साथ भी उनकी कुछ असहमतियां थीं लेकिन रिपोर्ट्स कहती हैं कि दोनों के बीच रिश्ते पूरी तरह खराब नहीं थे। संजू कुछ और मुद्दों को लेकर नाखुश थे, जिनका द्रविड़ से सीधा वास्ता नहीं था।

बता दें कि आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। टीम सिर्फ 4 मैच जीत पाई और अंक तालिका में नौवें स्थान पर रही। द्रविड़ ने उस दौरान एक पैर की चोट के बावजूद व्हीलचेयर पर बैठकर कोचिंग की थी। लेकिन टीम की हार और खिलाड़ियों-मैनेजमेंट के बीच मतभेद ने माहौल को गरम कर दिया। सूत्रों के मुताबिक इन मतभेदों ने द्रविड़ के इस्तीफे में बड़ी भूमिका निभाई। खासकर रियान को कप्तान बनाने का फैसला विवादों का केंद्र रहा।

राजस्थान से द्रविड़ का है पुराना नाता
द्रविड़ का राजस्थान से पुराना नाता है। वो 2011-13 में बतौर खिलाड़ी और कप्तान, फिर 2014-15 में मेंटर के तौर पर टीम के साथ थे। उनकी वापसी से फैंस को उम्मीद थी कि वो 2008 की चैंपियन टीम को फिर से शिखर पर ले जाएंगे। लेकिन अब उनका जाना और संजू की अनिश्चितता ने राजस्थान के सामने नए कोच और कप्तान की तलाश का चुनौतीपूर्ण काम खड़ा कर दिया है।

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