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Asia Cup 2025: Surya के सामने दोहरी चुनौती, ट्रॉफी बचाना और कप्तानी साबित करना!

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एशिया कप 2025 का रोमांच बस शुरू होने वाला है। 9 सितंबर से टूर्नामेंट का आगाज होगा और टीम इंडिया का पहला मुकाबला 10 सितंबर को खेला जाएगा। इस बार सबसे ज्यादा नजरें कप्तान सूर्यकुमार यादव पर होंगी। सूर्या के कंधों पर सिर्फ ट्रॉफी बचाने का नहीं बल्कि अपनी कप्तानी साबित करने का भी दबाव है। टीम इंडिया पिछले एशिया कप की विजेता रही है और फैंस उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इतिहास दोहराया जाएगा।

कप्तान बनने से पहले सूर्या का तूफानी रिकॉर्ड
सूर्यकुमार यादव जुलाई 2024 में टीम इंडिया के फुल टाइम टी20 कप्तान बने थे। कप्तान बनने से पहले उन्होंने 68 मैच खेले और शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने 43.33 की औसत से 2340 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 167.74 का रहा और सबसे बड़ी पारी 117 रन की रही। यही नहीं, उन्होंने 4 शतक और 19 अर्धशतक भी जड़े थे। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने ही उन्हें कप्तानी तक पहुंचाया था।

कप्तानी का दबाव और गिरते आंकड़े
कप्तान बनने के बाद सूर्या का बल्ला खामोश हो गया है। अब तक 15 मैचों में उन्होंने सिर्फ 258 रन बनाए हैं। उनकी औसत सीधे 18.42 पर आ गई है जो पहले के मुकाबले काफी कम है। कप्तानी के बाद सूर्या ने न तो कोई शतक लगाया है और न ही बड़ी पारी खेली है। सिर्फ 2 अर्धशतक उनके नाम रहे हैं। यही वजह है कि अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या कप्तानी का दबाव उनकी बल्लेबाजी को प्रभावित कर रहा है।

कप्तान के तौर पर जीत का शानदार रिकॉर्ड
हालांकि कप्तान के रूप में सूर्या का रिकॉर्ड किसी से कम नहीं है। उन्होंने अभी तक टीम इंडिया की कप्तानी में 22 मुकाबले खेले हैं जिनमें से 17 में जीत मिली है। सिर्फ 4 मैच टीम इंडिया हारी है और एक टाई रहा है। उनकी रणनीति, खिलाड़ियों को बैक करने का तरीका और मैदान पर मौजूदगी ने उन्हें एक अच्छा लीडर साबित किया है। लेकिन फैंस यही चाहते हैं कि सूर्या बल्ले से भी वही धमाल दिखाएं जिसके लिए वो पहचाने जाते हैं।

एशिया कप में होगी असली परीक्षा
एशिया कप 2025 सूर्या के करियर के लिए अहम मोड़ साबित हो सकता है। ये टूर्नामेंट न सिर्फ उनकी कप्तानी बल्कि उनकी बल्लेबाजी को लेकर भी बड़ा इम्तिहान होगा। अगर सूर्या बल्ले से रन नहीं बना पाए तो उनकी कप्तानी पर सवाल खड़े हो सकते हैं। वहीं अगर उन्होंने अपने पुराने अंदाज में बल्लेबाजी की और टीम इंडिया को ट्रॉफी दिलाई तो वो आलोचकों का मुंह भी बंद कर देंगे।

कुल मिलाकर एशिया कप सूर्या के लिए "डबल टेस्ट" है। फैंस उनकी कप्तानी से खुश हैं लेकिन अब उनकी बल्लेबाजी भी दमदार होनी चाहिए। 10 सितंबर से शुरू होने वाला ये अभियान ही तय करेगा कि सूर्या सिर्फ कप्तान हैं या फिर टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर भी।

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