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'नो हैंडशेक' विवाद फिर सुर्खियों में! Svitolina का बयान सुन फैंस भी हैरान, कहा- 'रूसी सरकार से कोई लेना-देना नहीं'

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यूक्रेन की स्टार टेनिस खिलाड़ी एलिना स्वितोलिना ने बिली जीन किंग कप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है। उन्होंने स्पेन की पाउला बडोसा को हराया और टीम को आगे पहुंचाया। लेकिन मैच के बाद जब उनसे नो हैंडशेक विवाद पर सवाल किया गया तो उनके जवाब ने फिर से चर्चा को हवा दे दी है।

नो हैंडशेक पर दिया तीखा जवाब
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एलिना से पूछा गया कि क्या वो अब भी रूसी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाएंगी तो उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ अपने नजरिए से बोल सकती हूं। एक यूक्रेनी होने के नाते, मैं हर सुबह रूसी मिसाइलों की खबरें सुनकर उठती हूं। मेरे देश के लोगों को मारा जा रहा है, तबाह किया जा रहा है। मैं ऐसी सरकार से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती जो मेरे देश के साथ ऐसा घिनौना काम कर रही है।" उन्होंने आगे कहा कि वो सिर्फ अपने देश की शांति और सुरक्षा चाहती हैं और चाहती हैं कि बिना डर के अपने घर लौट सकें।

2023 में भी किया था हैंडशेक से इनकार
ये पहला मौका नहीं है जब स्वितोलिना ने नो हैंडशेक का मुद्दा उठाया है। 2023 के फ्रेंच ओपन में उन्होंने रूसी खिलाड़ी डारिया कास्तकिना को हराने के बाद हाथ मिलाने से साफ इनकार कर दिया था। उस समय भी उन्होंने अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए कहा था, "सोचिए एक सैनिक जो सीमा पर तैनात है, वो मुझे देख रहा है। मैं अगर ऐसे पेश आऊं जैसे कुछ हुआ ही न हो, तो वो कितना गलत संदेश जाएगा। मैं अपने देश की आवाज हूं।" स्वितोलिना का कहना है कि यूक्रेनी खिलाड़ियों के लिए ये सिर्फ एक खेल नहीं है, ये उनके देश की आवाज उठाने का जरिया है। उन्होंने रूसी सैनिकों और सरकार की कार्रवाई को 'भयानक' बताया और कहा कि वो कभी भी ऐसे लोगों से हाथ नहीं मिला सकती जो सीधे या परोक्ष रूप से इस युद्ध के लिए जिम्मेदार हैं।

क्या खेल राजनीति से जुड़ रहा है?
स्वितोलिना के बयानों से एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है कि क्या खेल को राजनीति से दूर रखना संभव है? जबकि कई संगठन और खिलाड़ी खेल को एक "नॉन-पॉलिटिकल" मंच मानते हैं, लेकिन स्वितोलिना जैसी खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी सिर्फ कोर्ट तक सीमित नहीं मानतीं।

फैंस के बीच बंटी राय
एलिना के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर फैंस की राय बंटी हुई है। कुछ लोग उनकी देशभक्ति और मजबूती को सराह रहे हैं तो कुछ का कहना है कि खेल को युद्ध या राजनीतिक नाराजगी से जोड़ना सही नहीं है।

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