Bihar के Vaibhav Suryavanshi ने सुबह 5 बजे किसे किया कॉल, IPL डायरेक्टर भी रह गए हैरान!
- Ankit Rawat
- 07 Oct 2025 06:00:18 PM
भारत के 14 साल के युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में हैं, जहां वो भारत की अंडर-19 टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम के खिलाफ वनडे और टेस्ट सीरीज़ खेल रहे हैं। लेकिन हाल ही में कुछ ऐसा हुआ, जिसने न सिर्फ राजस्थान रॉयल्स के हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर जुबिन भरूचा को चौंका दिया, बल्कि क्रिकेट फैंस के बीच भी उत्सुकता बढ़ा दी।
ब्रिस्बेन से सुबह 5 बजे वीडियो कॉल
22 सितंबर की सुबह भारतीय समयानुसार करीब 5 बजे भरूचा के फोन पर एक वीडियो कॉल आया। कॉल था बिहार के समस्तीपुर से ताल्लुक रखने वाले वैभव सूर्यवंशी का, जो उस वक्त ब्रिस्बेन में पहले युवा वनडे के बाद टीम के साथ मौजूद थे। भरूचा ने बताया, "मैंने कॉल उठाया तो देखा वैभव है। मैंने पूछा, 'बेटा, इतनी सुबह क्यों कॉल किया?' तो उसने तुरंत कैमरा मैदान की ओर घुमा दिया और कहा, 'सर, ये लाइट देखी आपने?'"
“गेंद नहीं दिख रही, सर”
वैभव ने मैदान की फ्लडलाइट्स दिखाते हुए कहा, “सर, यहां सिर्फ चार खंभों पर लाइट है। आईपीएल में तो एक खंभे पर ही पूरी लाइट लगती है। यहां गेंद साफ नहीं दिख रही।”
भरूचा अभी भी नींद में थे और थोड़े कन्फ्यूज़ थे। उन्होंने कहा, "वैभव, सब खिलाड़ी इसी लाइट में खेल रहे हैं।" लेकिन वैभव अपनी बात पर अड़ा रहा। उसका कहना था कि उसे गेंद दिखाई नहीं देती, इसलिए वो अच्छे से बैटिंग नहीं कर पा रहा।
कॉल के बाद बदला गया खेल
शायद भरूचा को तब समझ नहीं आया कि इस बातचीत का वैभव के खेल पर क्या असर होगा, लेकिन मैदान पर जल्द ही इसका असर दिखा। दूसरे वनडे में उसी मैदान पर वैभव ने शानदार 70 रन बनाए। वहीं पहले युवा टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने जबरदस्त 113 रनों की पारी खेली।
राजस्थान रॉयल्स के खास खिलाड़ी की नजर में है वैभव
भरूचा वही शख्स हैं जिन्होंने यशस्वी जायसवाल, संजू सैमसन और रियान पराग जैसे खिलाड़ियों के साथ काम किया है। वो वैभव को लेकर भी खासे उत्साहित नजर आते हैं। उन्होंने कहा, “ये लड़का पागल कर देता है। लेकिन उसकी ईमानदारी, जुनून और सवाल पूछने की आदत उसे बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है।”
बिहार से ब्रिस्बेन तक का सफर
वैभव सूर्यवंशी जैसे खिलाड़ी भारत के क्रिकेट फ्यूचर की असली तस्वीर हैं। एक तरफ वो अब भी खुद को बेहतर बनाने के लिए सुबह 5 बजे अपने मेंटर्स को कॉल कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ मैदान पर उसकी परफॉर्मेंस बता रही है कि ये सिर्फ एक शुरुआत है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
पहला वनडे: बल्ला नहीं चला, गेंद नहीं दिखी
दूसरा वनडे: 70 रन की शानदार पारी
पहला टेस्ट: 113 रन
क्रिकेट सिर्फ ताकत नहीं, समझ का भी खेल है
वैभव ने दिखा दिया कि एक खिलाड़ी का संघर्ष सिर्फ मैदान पर नहीं, मैदान के बाहर भी होता है। वो जानना चाहता था कि उसकी प्रॉब्लम का हल क्या है, और उसी जिज्ञासा ने उसे बेहतर बना दिया। यही जज़्बा उसे आने वाले समय में एक बड़ा क्रिकेटर बना सकता है।
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