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गंभीर नहीं, राहुल थे असली गेमचेंजर! कप्तानी छिनने के बाद रोहित शर्मा ने चैंपियंस ट्रॉफी जीत का पूरा क्रेडिट दिया पुराने कोच को

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भारतीय क्रिकेट में अब नया दौर शुरू हो चुका है। शुभमन गिल अब वनडे और टेस्ट दोनों में टीम इंडिया की कमान संभाल चुके हैं। बीते हफ्ते अचानक एक बड़ी घोषणा के साथ रोहित शर्मा को वनडे कप्तानी से हटा दिया गया। ये फैसला तब आया जब रोहित ने भारत को दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी जीताकर एक और आईसीसी खिताब दिलाया था। माना जा रहा है कि नए कोच गौतम गंभीर और चयन समिति के प्रमुख अजीत अगरकर ने गिल को वनडे कप्तान बनाने में अहम भूमिका निभाई। यही नहीं खबरें तो ये भी कहती हैं कि 2027 वनडे वर्ल्ड कप की योजना में रोहित और विराट कोहली दोनों को जगह नहीं दी गई है। ऐसे में ये भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन दोनों दिग्गजों के अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत अब करीब है।

कप्तानी छिनने के बाद पहली बार बोले रोहित शर्मा
मुंबई में हुए एक क्रिकेट अवॉर्ड शो में रोहित शर्मा ने पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी की जीत के लिए एक खास सम्मान दिया गया तो उन्होंने अपने दिल की बात रखी। रोहित ने कहा, "मुझे उस टीम के साथ खेलना बहुत पसंद था। ये एक-दो साल की मेहनत नहीं थी, हम काफी सालों से इसके लिए काम कर रहे थे। हम कई बार ट्रॉफी के करीब पहुंचे लेकिन जीत नहीं पाए।" उन्होंने बताया कि टीम को एक नई सोच की जरूरत थी और वो बदलाव कैसे लाया गया।

खिलाड़ियों की सोंच में बदलाव से मिली ICC ट्रॉफी
रोहित ने बताया कि सिर्फ प्लान बनाने से ट्रॉफी नहीं मिलती उसके लिए पूरी टीम को एक जैसी सोच अपनानी होती है। उन्होंने कहा, "हमने सोचा कि अब कुछ अलग करना होगा। ये सिर्फ एक या दो खिलाड़ियों से नहीं हो सकता था, पूरी टीम को ये सोच अपनानी पड़ी। सभी ने खुद को चुनौती दी और आत्मसंतुष्ट नहीं हुए। चैंपियंस ट्रॉफी के हर मैच में हमने नई शुरुआत की और किसी भी चीज को हल्के में नहीं लिया।" ये वही सोच थी जिसने भारत को 2024 टी20 वर्ल्ड कप जिताया और अब चैंपियंस ट्रॉफी भी।

कोच राहुल द्रविड़ को दिया पूरा क्रेडिट
सबसे दिलचस्प बात ये रही कि रोहित ने अपनी स्पीच में कहीं भी गौतम गंभीर का नाम नहीं लिया जो चैंपियंस ट्रॉफी जीत के वक्त टीम के कोच थे। इसके बजाय उन्होंने राहुल द्रविड़ को खुलकर श्रेय दिया और कहा, "हमने कुछ खास आदतें और सोच अपनाई जो राहुल भाई के साथ मिलकर तैयार की गई थी। टीम ने उस प्रक्रिया का आनंद लिया और लगातार दो ट्रॉफी जीतना इसी का नतीजा था।" रोहित के मुताबिक राहुल द्रविड़ के साथ बनाई गई योजना ने टीम की मानसिकता को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने 2023 वर्ल्ड कप फाइनल की हार का भी जिक्र किया और बताया कि उससे बहुत कुछ सीखने को मिला।

टीम से बाहर लेकिन दिल से अब भी कप्तान
हालांकि अब रोहित टीम की कप्तानी में नहीं हैं लेकिन उनका जज्बा और लीडरशिप सोच आज भी टीम पर असर डाल रही है। उनकी स्पीच में जो आत्मविश्वास और अनुभव झलका, वो किसी सच्चे लीडर की पहचान है। चाहे मैदान में हों या बाहर, रोहित शर्मा का भारतीय क्रिकेट में योगदान लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

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