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Pulwama शहीद के बेटे Rahul का कमाल, Haryana U-19 टीम में चुने जाने पर Sehwag खुश

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पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल विजय सोरेंग के बेटे राहुल सोरेंग को हरियाणा अंडर‑19 क्रिकेट टीम में चुन लिया गया है। इस खबर से पूरे देश में चर्चा है, लेकिन सबसे ज़्यादा गर्व उस शख्स को है जिसने पहले ही उनके सफर को सहारा दिया था — पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग। सहवाग ने राहुल को मानसिक और भावनात्मक रूप से समर्थन दिया और अब इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है। सहवाग ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हरियाणा अंडर‑19 टीम में चयनित होने पर राहुल सोरेंग को बधाई। पुलवामा में उनके बहादुर पिता के शहीद होने के बाद से राहुल का समर्थन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है और मुझे उनके इस सफर पर बेहद गर्व है।” 

सहवाग का वादा
पिछले सालों में सहवाग ने ये वादा किया था कि वो पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों की शिक्षा पूरी करेंगे। इसी वादे के तहत उन्होंने उन बच्चों को अपने सहवाग इंटरनेशनल स्कूल में प्रवेश दिया और उनका आर्थिक भार उठाया। राहुल ने 2019 में इस स्कूल में नाम लिखाया था और तब से वह वहां पढ़ते आ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने क्रिकेट में भी मेहनत की और पिछले साल विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए हरियाणा अंडर‑16 टीम में चयनित हुए थे। सहवाग ने सोशल पोस्ट में ये भी कहा था कि राहुल पिछले पांच सालों से स्कूल के साथ रहे हैं और उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। 

संघर्ष से पहचान का सफर
राहुल की पहचान सिर्फ क्रिकेटर के रूप में नहीं है । ये एक संघर्ष और उम्मीद का सफर भी है। पुलवामा हमले के बाद जब उनके पिता शहीद हो गए, राहुल की ज़िंदगी एक बड़े मोड़ पर आई। लेकिन सहवाग जैसे समर्थक मिलने से उन्हें एक नया रास्ता मिला। उनका चयन अंडर‑19 टीम में न सिर्फ क्रिकेट के प्रति उनकी क्षमता को प्रमाणित करता है, बल्किे उन लाखों शहीदों के परिवारों को ये संदेश देता है कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। राहुल की उपलब्धि में अर्पित सिंह जैसे बाकी शहीदों के बच्चों की भी झलक है, क्योंकि सहवाग ने दोनों को समान सम्मान दिया। 

आगे की चुनौतियां
अब राहुल के सामने नया मुकाम है  हरियाणा अंडर‑19 टीम में अपनी जगह मजबूत करना। चयन के बाद कई दायित्व सामने आएंगे। जैसे- निरंतर प्रदर्शन करना, टीम से तालमेल बैठाना और दबाव में भी खेलने की क्षमता दिखाना। लेकिन सहवाग ने पहले ही ये कर दिखाया कि विश्वास और अवसर कितनी बड़ी चीज़ हो सकती है। सहवाग ने ये भी संकेत दिए हैं कि आगे राहुल को बेहतर संसाधन, कोचिंग और मार्गदर्शन मिलेगा। राहुल की कहानी क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणा बन सकती है।

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