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गिल ने तोड़ा सचिन का रिकॉर्ड! कप्तान बनकर बनाया पांचवें टेस्ट शतक के साथ इतिहास

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भारतीय क्रिकेट के युवा सितारे शुभमन गिल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे सिर्फ भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान भी हैं। वेस्टइंडीज़ के खिलाफ चल रहे टेस्ट मैच में गिल ने न सिर्फ शानदार शतक जड़ा, बल्कि बतौर कप्तान इतिहास भी रच डाला। यशस्वी जायसवाल के रन‑आउट जैसी नाजुक परिस्थिति में गिल ने संयम और आत्मविश्वास का परिचय दिया और टीम को मज़बूती से संभाला। यह उनका बतौर कप्तान पांचवां टेस्ट शतक था, जो उन्होंने सिर्फ 12 पारियों में पूरा किया — एक उपलब्धि जो अब तक सिर्फ एलिस्टेयर कुक और सुनील गावस्कर के नाम थी। इसके साथ ही वे एक कैलेंडर वर्ष में पांच टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बन गए, और ये कारनामा उन्होंने सबसे तेज़ किया। 16 चौकों और 2 छक्कों से सजी इस पारी में गिल की हर स्ट्रोक में आत्मविश्वास झलक रहा था। उनके नेतृत्व में भारत ने पहली पारी 518/5 पर घोषित की और विपक्ष पर दबाव बनाया। गिल अब सिर्फ एक भरोसेमंद बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक कप्तान के रूप में उभर चुके हैं — जो टीम इंडिया को नए मुकाम तक ले जा सकते हैं।

बल्लेबाज़ी का जादू
डर सा छाया था... मगर वह खौफ.... गिल ने अपनी बल्लेबाज़ी से मिटा दिया। यशस्वी जायसवाल के रन‑आउट होने से टीम इंडिया पर असर हो सकता था, लेकिन कप्तान शुभमन गिल ने संयम से परिस्थिति को संभाला और शानदार शतक जड़कर रिकॉर्ड की किताबें हिलाई।

गिल के आत्मविश्वास का प्रदर्शन
मैच के दूसरे दिन पहले सत्र में यशस्वी और गिल के बीच हुई गलतफहमी ने सबको चौंका दिया। यशस्वी तेज़ सिंगल लेने की कोशिश में रन‑आउट हो गए। इस घटना का असर हो सकता था, लेकिन गिल ने उसे अपना ध्यान भटकाने नहीं दिया। उन्‍होंने दूसरे सत्र में अपनी पारी को आगे बढ़ाया और अपना 10वां टेस्ट शतक पूरा किया। इस शतक के साथ उन्होंने सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया और एक नए रिकॉर्ड का नाम लिखा। 

रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज हुआ नाम
गिल ने कप्तान के रूप में सिर्फ 12 पारियों में पांच टेस्ट शतक लगाने का मुकाम हासिल किया। इस उपलब्धि को पहले सिर्फ एलिस्टेयर कुक और सुनील गावस्कर ने हासिल किया। इसके अलावा ये किसी भारतीय कप्तान द्वारा एक कैलेंडर वर्ष में पांच टेस्ट शतक बनाने का तीसरा मौका है और इस सूची में पहले दो बार वो नाम था विराट कोहली का। गिल ने ये रिकॉर्ड सबसे तेज तरीके से अपने नाम किया है। 

पारी के हाईलाइट्स
गिल ने सिर्फ शतक ही नहीं बल्कि शानदार साझेदारियों से टीम को आगे बढ़ाया। नितीश कुमार रेड्डी के साथ 91 रन और ध्रुव जुरेल के साथ 102 रन की साझेदारी ने पारी को मजबूत बनाया। दिन की शुरुआत गिल ने 20 रन से की। उन्होंने शानदार स्ट्रोक प्ले किया,16 चौके और 2 छक्के लगाए। रेड्डी और जुरेल की स्ट्राइक रोटेशन से उनकी पारी को संतुलन मिला और टीम को मजबूत स्थिति मिली।

रिकॉर्ड का भावी असर
गिल की इस पारी से टीम को मजबूती मिली। भारत ने अपनी पहली पारी 518/5 पर घोषित कर दी। वेस्टइंडीज़ को स्टंप्स तक 140/4 ही मिल पाया और वो अभी भी 378 रनों से पीछे है। इस मैदान पर गिल ने साबित किया कि वह सिर्फ बल्लेबाज नहीं — कप्तान भी हैं, जो दबाव में चमक सकते हैं। उनके नाम अब न सिर्फ नए रिकॉर्ड हैं, बल्कि टीम के लिए उम्मीद भी बन गए हैं।

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