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क्या Team India को मिल गया नया ‘Gavaskar’? Shubman Gill के रिकॉर्ड ने मचाया धमाल

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भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी संभालने के बाद से ही शुभमन गिल ने कोई कमी नहीं छोड़ी। उनके पहले 12 टेस्ट मैचों में उन्होंने 933 रन बनाए हैं, जिनमें 5 शतक शामिल हैं। ये आंकड़ा भारतीय क्रिकेट परिदृश्य में एक बड़ा संदेश है। ये रिकॉर्ड सबसे पहले सुनील गावस्कर के नाम दर्ज था, जिन्होंने भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में अपने शुरुआती दिनों में लगभग ऐसे ही आंकड़े दर्ज किए थे। गिल ने इस विरासत को अपने तरीके से आगे बढ़ाया है, लेकिन उनकी शुरुआत और गावस्कर की शुरुआत के बीच ये संयोग बड़ा दिलचस्प है।

इंग्लैंड दौरे में गिल का दबदबा
गिल ने कप्तानी की शुरुआत इंग्लैंड दौरे से की थी, जहां उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 754 रन बनाए और सीरीज़ में प्लेयर ऑफ द सीरीज़ चुने गए। इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में उन्होंने नाबाद 129 की पारी खेली। इस तरह उनकी फॉर्म लगातार बरकरार रही। उनकी कप्तानी के तहत उन्होंने नंबर 4 की पोजिशन को हथियाया है और उसमें सामंजस्य बैठाया है।

गावस्कर की कप्तानी और गिल का संघर्ष
सुनील गावस्कर को भारतीय क्रिकेट में हमेशा उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। उन्होंने कप्तानी के शुरुआती मैचों में जो प्रभाव छोड़ा था, आज गिल उसी पथ पर बढ़ते दिखते हैं। हालांकि गावस्कर की कप्तानी के शुरुआती आंकड़े पूरी तरह सार्वजनिक दस्तावेज़ों में सटीक नहीं मिलते, लेकिन विश्लेषण से पता चलता है कि दोनों के बीच मैच फिनिश और रन‑निर्माण की प्रवृत्ति मिलती है।

गावस्कर को शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। क्रिकेट का युग बदल रहा था, विदेश में विकेट कठिन थे और टीम संतुलन ढूंढ रही थी। उसी तरह गिल भी आज नई जिम्मेदारियों, विदेशी परिस्थितियों और नए दबावों से निपट रहे हैं। लेकिन इतना तय है कि गिल ने शुरुआती 12 पारियों में जो स्तर दिखाया है, वह गौरवशाली और चुनौतीपूर्ण दोनों है।

रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी
गिल ने पहले ही ये दिखा दिया कि वह आंकड़ों से नहीं डरते। उन्होंने 5 शतक पूरे कर लिए हैं, जो कप्तानी की भूमिका जाते वक्त किसी और भारतीय कप्तान ने इतनी तेजी से नहीं किए। अब एक बड़ी परीक्षा उनकी टीम की जीत होगी। कप्तानी का असली अंदाज तभी दिखेगा जब वो टीम को ऑल‑राउंड कामयाबी दिलाएँ और दबाव में भी अपनी बल्लेबाजी जारी रख सकें। अगर गिल इस स्तर को बनाए रखें तो वे गावस्कर जैसी बड़ी विरासत को अपने नाम कर सकते हैं।

बता दें कि शुभमन गिल और सुनील गावस्कर की इस अजीब समानता ने क्रिकेट जगत को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आंकड़े बताते हैं कि कप्तानी में शुरुआत कितनी मायने रखती है। लेकिन असली महत्व आगे का है । जैसे- उनकी कप्तानी में टीम का प्रदर्शन, चुनौतियों से निपटना और लंबी अवधि की सफलता। अगर गिल वही आग और आत्मविश्वास साथ लेकर चलते हैं, तो क्रिकेट इतिहास में उनका नाम बड़े अक्षरों में लिखा जाएगा।

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