मॉर्निंग वॉक में कोच को मिली लड़की, जिसने बदल दिया भारतीय क्रिकेट का इतिहास, आज बनी विश्व विजेता कप्तान हरमनप्रीत कौर
- Shubhangi Pandey
- 03 Nov 2025 04:43:04 PM
भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास की सबसे सुनहरी रात आखिरकार आ ही गई। जिस पल का इंतज़ार सालों से था वो हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में साकार हो गया। भारतीय महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार विश्व कप जीत लिया। यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि हर उस बेटी के सपने की जीत है जिसने कभी बैट उठाकर आसमान छूने की चाह रखी थी।
मॉर्निंग वॉक में मिली थी ‘भारत की शेरनी’
हरमनप्रीत कौर की जिंदगी की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। उनके कोच कमलदीप सिंह सोढ़ी एक दिन मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। तभी उन्होंने मैदान में एक लड़की को गेंदबाजी करते देखा। गेंद की रफ्तार इतनी तेज थी कि वो ठिठक गए। बाद में उन्होंने बताया, “मैंने किसी लड़की को इतनी स्पीड से बॉलिंग करते पहली बार देखा था।”
वहीं से उन्होंने समझ लिया कि यह लड़की कुछ बड़ा कर सकती है। कोच ने हरमन के पिता हरमंदर सिंह भुल्लर को मनाया और कहा, “आपकी बेटी देश का नाम रोशन करेगी।”
पिता बनाना चाहते थे एथलीट लेकिन बनी क्रिकेट की क्वीन
हरमनप्रीत का जन्म पंजाब के मोगा में हुआ। उनके पिता हरमंदर सिंह भुल्लर खुद क्लब क्रिकेटर थे। वो चाहते थे कि बेटी एथलीट बने, लेकिन हरमन की किस्मत ने उन्हें क्रिकेट का रास्ता दिखा दिया। पिता ने समाज की परवाह किए बिना बेटी को मैदान में भेजा, लड़कों के साथ खेलना सिखाया और उसके हर कदम पर उसका साथ दिया। वो कहते थे – “मैंने उसे बेटे की तरह पाला क्योंकि मैं चाहता था कि वो वो हासिल करे जो मैं नहीं कर सका।”
लड़कों के बीच खेलते-खेलते बनीं पावर हिटर
हरमन बचपन से लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं, इसलिए उनका खेल हमेशा आक्रामक रहा। पटियाला में एक बार उन्होंने ऐसा छक्का मारा कि गेंद पास के घर की खिड़की तोड़ गई। जब घर का मालिक गुस्से में बाहर आया, तो पता चला ये कारनामा एक छोटी लड़की ने किया है। इसके बाद गुस्सा गर्व में बदल गया। हरमन की हिटिंग पावर और जज़्बा देखकर सबको यकीन हो गया कि यह लड़की आगे जाकर भारत का नाम रौशन करेगी।
डेब्यू से विश्व विजेता तक का सफर
हरमनप्रीत ने 2009 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था। तब किसी ने नहीं सोचा था कि वही लड़की एक दिन देश को विश्व चैंपियन बनाएगी। उन्होंने अब तक 6 टेस्ट, 161 वनडे और 182 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। वनडे में 4400 से ज्यादा रन और 31 विकेट उनके नाम हैं। उनकी कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने दो बार महिला IPL ट्रॉफी जीती और अब उन्होंने भारत को पहला विश्व कप दिलाया है।
एक बेटी की जीत और हर पिता का सपना
हरमनप्रीत की यह जीत सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि उस सोच की जीत है जो कहती है – बेटियां किसी से कम नहीं। मोगा की वो लड़की, जिसे एक दिन कोच ने मॉर्निंग वॉक पर देखा था, आज विश्व क्रिकेट के शिखर पर खड़ी है। ये कहानी हर पिता को अपनी बेटी पर गर्व करने की वजह देती है और हर लड़की को यह भरोसा कि अगर हौसला सच्चा हो, तो आसमान भी झुक जाता है।
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