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दादी ICU में, पोती ने मैदान में रचा इतिहास, एक कैच ने भारत को दिलाया महिला वर्ल्ड कप!

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रविवार की रात भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास की सबसे यादगार रात बन गई। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने आखिरकार वो कर दिखाया जिसका इंतजार पिछले 52 सालों से था। साउथ अफ्रीका को फाइनल में 52 रन से हराकर भारत ने पहली बार महिला विश्व कप जीत लिया। लेकिन इस जीत के पीछे एक ऐसी भावनात्मक कहानी छिपी है जिसने करोड़ों भारतीयों का दिल छू लिया।

एक कैच जिसने पलट दिया मैच
फाइनल में भारत की जीत में हर खिलाड़ी का अहम योगदान रहा। लेकिन असली हीरो बनीं अमनजोत कौर जिनके एक कैच ने मैच का पूरा रुख बदल दिया। साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वाल्वार्डट शानदार बल्लेबाजी कर रही थीं और शतक पूरा कर भारत के हाथों से ट्रॉफी छीनने के इरादे से मैदान पर जमी थीं। तभी 42वें ओवर में दीप्ति शर्मा की गेंद पर लौरा ने शॉट खेला, गेंद हवा में गई और अमनजोत ने डाइव लगाकर हैरतअंगेज कैच पकड़ लिया। इस कैच ने साउथ अफ्रीका की उम्मीदों को तोड़ दिया और भारत की जीत लगभग तय कर दी। दर्शक दीर्घा में बैठे हर भारतीय फैन उस पल में झूम उठा।

जब दादी ICU में थीं पोती बना रही थी भारत को चैंपियन
मैच के बाद अमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह ने जो बताया, उसने सबको भावुक कर दिया। उन्होंने खुलासा किया कि वर्ल्ड कप के दौरान उनकी मां यानी अमनजोत की दादी को हार्ट अटैक आया था। पूरा परिवार उस वक्त तनाव में था लेकिन उन्होंने ये खबर अमनजोत से छिपाने का फैसला किया ताकि वो खेल पर ध्यान केंद्रित रख सके।

भूपिंदर सिंह ने कहा, “मेरी मां भगवंती का अमनजोत से बहुत गहरा रिश्ता है। जब वो मोहाली की सड़कों और पार्कों में क्रिकेट खेलना शुरू हुई थी तब उसकी दादी हर वक्त उसके साथ रहती थीं। हमने सोचा कि अगर उसे दादी की हालत के बारे में पता चला तो वो टूट जाएगी, इसलिए हमने उसे कुछ नहीं बताया।”  

परिवार के लिए ये जीत किसी मरहम से कम नहीं रही। उन्होंने कहा, “दादी ICU में थीं, लेकिन पोती मैदान में देश के लिए चमत्कार कर रही थी। अब मां भी खुश हैं और पूरा देश भी।”

अमनजोत बोलीं — “मेरी जिंदगी का सबसे अहम कैच था”

मैच के बाद अमनजोत ने कहा, “हमें पता था कि ये कैच कितना अहम है। मैं खुश हूं कि मुझे इसे दोबारा पकड़ने का मौका मिला। भीड़ की आवाज, टीम का जोश, वो पल मैं कभी नहीं भूलूंगी। हमने इतिहास रच दिया है और ये बस शुरुआत है।”

भारत की जीत हर बेटी की जीत
भारत की इस ऐतिहासिक जीत में शेफाली वर्मा की तूफानी 87 रन की पारी, दीप्ति शर्मा के 5 विकेट और हरमनप्रीत कौर की कप्तानी तो याद रहेगी ही, लेकिन अमनजोत कौर का वो कैच हमेशा भारतीय क्रिकेट की सुनहरी यादों में दर्ज रहेगा। वो पल सिर्फ एक गेंद नहीं थी, वो हर बेटी के सपनों की उड़ान थी जब दादी ICU में थीं, पोती मैदान में देश को वर्ल्ड चैंपियन बना रही थी।

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